Facebook SDK

 सिन्धु घाटी सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता) का संक्षिप्त विवरण


1. सिंधु घाटी सभ्यता दुनिया की चार प्रारम्भिक सभ्यताओं (मेसोपोटामिया या सुमेरियन सभ्यता, मिस्र सभ्यता और चीनी सभ्यता) में से एक है|


1 . यहाँ हम सिन्धु घाटी सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता) का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है|. यह सभ्यता कांस्य युग (ताम्रपाषाण काल) के अंतर्गत आता है|


2. इस सभ्यता का विस्तार पश्चिम में बलूचिस्तान तक, पूर्व में आलमगीरपुर (उत्तर प्रदेश) तक, दक्षिण में दाइमाबाद (महाराष्ट्र) तक और उत्तर में मंदा (जम्मू-कश्मीर) तक था|


3. इस सभ्यता में किसानों और व्यापारियों का प्रभुत्व था जिसके कारण इस सभ्यता को कृषि-वाणिज्यिक सभ्यता के रूप में जाना जाता है|


4. इस सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि 1921 में सर्वप्रथम हड़प्पा नामक स्थान पर ही दयाराम साहनी की देखरेख में खुदाई के माध्यम से इस सभ्यता की खोज की गई थी|

सिन्धु घाटी अथवा  सभ्यता हड़प्पा सभ्यता (Harappan Civilization) : संक्षिप्त विवरण


5. रेडियोकार्बन डेटिंग के आधार पर सिंधु घाटी सभ्यता का काल 2500-1750 ईसा पूर्व के आसपास निर्धारित किया गया है|


6. इस सभ्यता की सबसे प्रमुख विशेषता इसकी “नगर योजना” थी| इस सभ्यता के दौरान शहरों को दो भागों दुर्ग (शासक वर्ग द्वारा अधिकृत) और निचले शहर (आम लोगों का निवास स्थान) में विभाजित किया गया था|


7. धौलावीरा इस सभ्यता का एकमात्र स्थल है जहाँ शहर को तीन भागों में विभाजित किया गया था|


8. चहुन्दरो एकमात्र ऐसा शहर था जहाँ दुर्ग नहीं थे|


9. इस सभ्यता में नगर योजना “ग्रिड प्रणाली” पर आधारित थी| इस सभ्यता के लोग भवन निर्माण के लिए पके हुए ईंटों को इस्तेमाल करते थे| इसके अलावा नालियों का उत्तम प्रबंध, किलाबन्द दुर्ग और लोहे के औजारों की अनुपस्थिति इस सभ्यता की प्रमुख विशेषताएं थी|


10. सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों ने सर्वप्रथम कपास का उत्पादन किया था जिसे ग्रीक भाषा में “सिनडम” कहा जाता है और यह सिंध से प्राप्त हुआ था|


11. सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग बड़े पैमाने पर गेहूं और जौ का उत्पादन करते थे| उनके द्वारा उगाये जाने वाले अन्य फसल दाल, धान, कपास, खजूर, खरबूजे, मटर, तिल और सरसों थे।


12. इस काल के ज्ञात पशुओं में बैल, भेड़, भैंस, बकरी, सूअर, हाथी, कुत्ता, बिल्ली, गधा और ऊंट प्रमुख थे।


13. इस सभ्यता का सबसे महत्वपूर्ण पशु “बिना कूबड़ वाले बैल” या “एक सींग वाला गैंडा” था|


14. इस सभ्यता के दौरान बाह्य और आंतरिक व्यापार विकसित अवस्था में था, लेकिन भुगतान “वस्तु-विनिमय प्रणाली” द्वारा होता था|


15. इस सभ्यता के लोगों ने स्वतः ही वजन और माप प्रणाली विकसित की थी, जो 16 के अनुपात में थी|


16. शवों को दफनाने या जलाने का काम उत्तर-दक्षिण दिशा में किया जाता था|


17. हड़प्पा संस्कृति की सबसे कलात्मक कृति “शैलखड़ी की मुहरें” हैं| हड़प्पा कालीन लिपि चित्रात्मक थी लेकिन अभी तक इसे पढ़ा नहीं जा सका है| इस लिपि में पहली पंक्ति दाएं से बाएं ओर और दूसरी पंक्ति बाएं से दाएं ओर लिखी जाती थी| इस शैली को सर्पलेखन (Boustrophedon) कहा जाता है।


18. सिन्धु घाटी सभ्यता की खुदाई से “स्वस्तिक” के निशान भी मिले हैं|


19. मूर्तियों के माध्यम से पता चलता है कि सिन्धु घाटी सभ्यता के दौरान देवी माँ (मातृदेवी या शक्ति) की पूजा होती थी| इसके अलावा “योनि” (महिला यौन अंग) के पूजा के सबूत भी मिले हैं|


20. इस काल के प्रमुख पुरुष देवता “पशुपति महादेव” अर्थात पशुओं के भगवान (आद्य-शिव) थे| जिनकी आकृति खुदाई से प्राप्त एक मुहर पर मिली है| इस आकृति में एक पुरुष योगमुद्रा में बैठे हुए हैं एवं चार जानवर (हाथी, बाघ, गैंडा और भैंस) से घिरे हुए हैं| इसके अलावा उनके पैरों के पास दो हिरण खड़े हैं| सिन्धु घाटी सभ्यता के दौरान “शिवलिंग” की पूजा भी व्यापक रूप से होती थी|


21. इस काल के लोगों का मुख्य व्यवसाय “कताई”, “बुनाई”, “नाव बनाना”, “सोने के आभूषण बनाना”, “मिट्टी के बर्तन बनाना” और “मुहरें बनाना” था|


follow me :-
https://www.facebook.com/Mission-Upsc-102484551894208/
https://t.me/upscmagazinee
Join telegram for more UPSC magazines and daily current affairs (ONLY HINDI MEDIUM)
Join telegram channel for yojana kurukshetra magazines (योजना कुरूक्षेत्र)
https://t.me/Yojanakurukshetramag

Post a Comment

Previous Post Next Post