Mugal samrajya , मुगल साम्राज्य या मुगल बादशाह।
(क) बाबर :-
1 भारत मुग़ल शासन की स्थापना बाबर ने 1526 ई . में रखी .
2 वह पितृ पक्ष से तैमूर का वंशज और मातृ पक्ष से चंगेज़ खां का वंशज था
3 वह इब्राहिम लोदी के खिलाफ , दौलत खां लोदी और आलम लोदी द्वारा भारत बुलाया गया था ।
4 उसने 21 अप्रैल , 1526 ई . में इब्राहिम लोदी को पानीपत के प्रथम युद्ध में हराकर मुग़ल वंश की स्थापना की।
5 1527 में उसने खानवा में मेवाड़ के राणा सांगा को हराया।
6 1528 में उसने चंदेरी के शासक मेदिनी राय को चंदेरी के युद्ध में परास्त किया ।
7 1529 में उसने मुहम्मद लोदी ( इब्राहिम लोदी का चाचा ) को घाघरा के युद्ध में परास्त किया ।
8 1530 ई . में आगरा में उसकी मृत्यु हो गई . उसकी कब्र लाहौर में है . केवल दो मुग़ल बादशाहों , बाबर और बहादुर शाह ज़फ़र की कब्र वर्तमान भारत के बाहर है ।
9 वह भारत में बारूद और तोपों का प्रयोग करने वाला पहला व्यक्ति था।
10 दो प्रसिद्ध बंदूकची मुस्तफा और उस्ताद अली उसकी सेना में थे।
11 उसने अपनी आत्मकथा ' तुजुक - ए - बाबरी ' तुर्की में लिखी है ।
12 तुजुक - ए - बाबरी का , बाबरनामा नाम से पारसी भाषा में अब्दुर रहीम खान - ए - खाना और अंग्रेजी में मदान बेब्रिज ने अनुवाद किया गया है।
13 उसने दो काव्यसंग्रह , तुर्की भाषा में ' दीवान ' और पारसी में ' मुबइयान ' को कलमबद्ध किया . उसने रिसल - ए - उसज़ या ख़त - ए - बाबरी की भी रचना की।
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(ख) हुमायूँ ( 1530 ई . से 1555-56 ):-
1 यह बाबर का पुत्र था और 1530 ई . में गद्दी पर बैठा . उसे अपने भाई कामरान , हिंदाल और अस्करी द्वारा अफ़गानों से चुनौती मिली।
2 1532 में उसने आगरा में तबल - ए - अद्ल की स्थापना की . उसने शेरशाह से चौसा ( 1539 ) और कन्नौज / बिलग्राम ( 1540 ) में दो युद्ध लादे और दोनों में परास्त हुआ ।
3 शेर शाह की मृत्यु के बाद उसने 1555 में भारत पर आक्रमण किया और उसके अफ़गान भाइयों को हरा कर एक बार फिर भारत में शासक बना ।
4 1556 में पुस्तकालय ( दिन पनाह ) की सीढ़ियों से गिरकार उसकी मृत्यु हो गई और उसे दिल्ली में दफ़नाया गया।
5 अबुल फज़ल ने उसे इंसान - ए - कामिल कहा है ।
6 उसकी बहन , गुलबदन बेगम ने उसकी जीवनी हुमायुनामा की रचना की।
7 उसने दिल्ली में दीन पनाह को अपनी दूसरी राजधानी बनाया था।
(ग) शेरशाह सूरी : 1540-45 :-
1 यह सासाराम के जागीरदार , हसन खान का बेटा था।
2 1539 में इसने चौसा के युद्ध में हुमायु को हराया और बादशाह के रूप में शेरशाह की उपाधि धारण की ।
3 एक बादशाह के रूप में , इसने मालवा ( 1542 ) , रणथंभोर ( 1542 ) , रायसीन ( 1543 ) , राजपुताना के मारवाड़ ( 1542 ) , चित्तोड़ ( 1544 ) और कलिंजर ( 1545 ) तक अपना साम्राज्य विस्तार किया।
4 पुराना किला इसके शासनकाल में ही बनवाया गया . - इसके 5 वर्ष के छोटे शासनकाल में आर्थिक हालात को सुदृढ़ करने के लिए इसने एक बेहतर प्रशासन , भू - राजस्व नीति और कुछ अन्य मानक स्थापित किये ।
5 इसने रुपया नाम से सिक्के चलाये जिनका पुरे साम्राज्य में समान मानक के मानदंड था ।
6 उसने सुचारू संचार व्यवस्था के लिए कई सड़कें बनवाएँ . उसने ग्रांड ट्रंक रोड ( जी.टी.रोड ) का निर्माण कराया जो कलकत्ता से पेशावर तक जाती थी ।
7 उसके शासन में बनवाई गईं अन्य सड़कें थीं । आगरा से मांडू, आगरा से जोधपुर और चित्तोड़ , लाहौर से मुल्तान ।
8 उसने साम्राज्य के विभिन्न हिस्सों में सैनिक छावनियां बनवाईं और प्रत्येक छावनी में बड़ी संख्या में सैनिक रखे जाते थे।
9 अबुल फज़ल के अनुसार शेर शाह का साम्राज्य 63 सरकार या जिलों में विभाजित था . भूमि मापने की इकाई ‘ बीघा ' होती थी।
10 अलाउद्दीन खिलजी की तरह इसने भी दाग और सेना में चेहरा प्रथा का सख्ती से पालन किया।
11 इसे सासाराम में दफनाया गया।
Mugal samrajya , मुगल साम्राज्य या मुगल बादशाह।
( घ )अकबर :-
1 हुमायूँ का बड़ा बेटा अकबर , जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर बादशाह गाजी की उपाधि के साथ 14 वर्ष की उम्र में गद्दी पर बैठा ।
2 उसका राजतिलक कलनौर में हुआ।
3 पानीपत का दूसरा युद्ध ( 5 नवम्बर 1556 ई . ) हेमू ( मुहम्मद आदिल शाह का हिन्दू सेनापति ) और बैरम खां ( अकबर का संरक्षक ) के बीच हुआ . इसमें हेमू की पराजय हुई और बैरम खां द्वारा उसकी हत्या कर दी गई ।
4 अपने शासन के प्रारंभिक वर्षों में अकबर अपने संरक्षक बैरम खां और फिर अपनी माँ माहम अंगा के प्रभाव में रहा।
5 अकबर पर माहम अंगा के प्रभाव काल ; 1560-62 को पेटीकोट सरकार का काल कहा जाता है ।
6 अकबर ने विभिन्न राजपूत राज्यों जैसे अम्बेर बीकानेर , जैसलमेर और जोधपुर से वैवाहिक संबंध स्थापित किए ।
7 अकबर द्वारा किये गए कुछ प्रमुख सुधार थे : लड़कों और लड़कियों के विवाह के लिए न्यूनतम आयुसीमा बढाकर क्रमशः 16 और 14 वर्ष कर दी गई ।
सती प्रथा पर प्रतिबंध
(8) 24 वर्ष की आयु में अकबर ने राज्य द्वारा भूमि कर इकठ्ठा करने के लिए दशाला प्रणाली की शुरुआत की।
(9) अकबर के शासनकाल में मनसबदारी व्यवस्था के तहत मनसबदारों को 66 वर्गों में बाँट दिया गया . इस व्यवस्था ने निम्नलिखित सेवा शर्ते निर्धारित की : पद और स्थान, वेतन, घुड़सवारों की संख्या।
(10) मुल्ला - मौलवियों की धार्मिक कट्टरता और रूढ़िवादिता के खिलाफ़ विद्रोह करते हुए 1857 में अकबर ने एक नए धर्म , दी - ए - इलाही की घोषणा की। बीरबल इकलौता हिन्दू था जिसने इस धर्म को अपनाया । हालाँकि दिन - ए - इलाही लोकप्रिय नहीं हो सका ।
(11) अकबर ने फतेहपुर सीकरी , आगरा का किला , लाहौर का किला , इलाहाबाद का किला और दिल्ली में हुमायूँ के मकबरे का निर्माण करवाया।
(12) आगरा ए निकट स्थित फतेहपुर सीकरी के बारे में कहा जाता है कि- लम्बे समय तक अकबर के कोई पुत्र नहीं था . एक सूफी संत शेख सलीम चिस्ती के आशीर्वाद से अकबर को एक बेटा हुआ जिसका नाम सलीम / शेखो बाबा ( जहाँगीर ) रखा गया । सलीम चिस्ती के सम्मान में , अकबर ने अपना दरबार दिल्ली से स्थानांतरित कर फतेहपुर सीकरी में स्थापित कर लिया ।
(13) तुलसीदास ( रामचरितमानस के लेखक ) अकबर के समकालीन थे ।
(14) जब अकबर की मृत्यु हुई तो उसे आगरा में सिकंदरा में दफ़नाया गया ।
(15) युसुफजई जनजाति के साथ युद्ध ( 1586 ) में बीरबल की हत्या कर दी गई ।
(16) अबुल फज़ल की हत्या ( 1610 ) वीर सिंह बुंदेला ने की थी ।
(17) अकबर ने मुग़ल भारत को एक अधिकारिक भाषा दी ( पारसी )
(च) जहाँगीर ( 1605-27 )
(1) 1605 में अकबर की मृत्यु के बाद उसका पुत्र सलीम गद्दी पर बैठा ।
(2) उसने शाही न्याय के लिए आगरा के किले में जंजीर - ए - अदल ( न्याय की जंजीर ) लगवाई ।
(3) 1611 में उसने , बंगाल के अभियान पर भेजे गए एक पारसी अमीर , शेर अफ़गान की विधवा मेहर र - उन - निसा से विवाह कर लिया . बाद में उसने उसे नूरजहाँ की उपाधि दी ।
(4) नूरजहाँ का राज्य के मामलों में अत्यधिक प्रभाव था . उसे अधिकारिक पादशाह बेगम बनाया गया ।
(5) जहाँगीर ने अपने और नूरजहाँ के नाम के संयुक्त सिक्के जारी किये ।
(6) जहाँगीर ने मारवाड़ की जोधाबाई से भी विवाह किया था ।
(छ) शाह जहाँ :-
(1) इसका वास्तविक नाम खुर्रम था . यह जोधाबाई ( राजा जगत सिंह ) की पुत्री के गर्भ से पैदा हुआ था ।
(2) अपने पिता की मृत्यु के बाद 1628 में शाहजहाँ गद्दी पर बैठा . गद्दीनशीं होने के तीन वर्षों के बाद उसकी प्रिय पत्नी मुमताज महल ( वास्तविक नाम अर्जुमंद बानो ) की 1631 में मृत्यु हो गई . उसकी यादों को स्थायी बनाने के लिए इसने 1632-53 में आगरा में ताजमहल का निर्माण करवाया ।
(3) इसने दरबार में चार - तस्लीम की शुरुआत की ।
(4) जहाँगीर के साम्राज्य का विस्तार करते हुए , शाहजहाँ ने अहमदनगर की निज़ाम शाही को मुग़ल नियंत्रण में लाने में ( 1633 ) सफलता हासिल की ।
(5) शाहजहाँ के शासन का वर्णन फ्रांसिसी यात्री बर्नियर और ट्रैवनियर तथा इटली के यात्री निकोली मनूची द्वारा किया गया है । (6) पीटर मुंडी ने शाहजहाँ के समय हुए उत्तराधिकार के युद्धों का वर्णन किया है . • लाल किला , जामा मस्जिद और ताज महल इसके शासन काल में बनी प्रमुख इमारतें हैं ।
(7) 1657 में शाहजहाँ के अचानक बहुत बीमार पड़ने से उसके चार बेटों के बीच उत्तराधिकार के लिए युद्ध प्रारंभ हो गया ।
(8) इस संघर्ष में औरंगजेब विजेता बनकर उभरा और जुलाई , 1658 में उसने अपना राज्याभिषेक करवाया . औरंगजेब ने शाहजहाँ को आगरा के किले में जेल में दाल दिया जहाँ 1666 में कारावास में ही उसकी मृत्यु हो गई ।
(ज) औरंगजेब :-
(1) शाहजहाँ के शासन के अंतिम वर्षों में उत्तराधिकार के लिए संहर्ष हुआ ।
(2) उसके चार बेटे दाराशिकोह , औरंगजेब , शाह शुजा और मुराद थे जो गद्दी के लिए संघर्षरत थे ।
(3) सत्ता के लिए इस खींचतान में उसकी बेटियां भी किसी न किसी भाई के साथ थी . जहाँआरा डरा के समर्थन में थी। रोशन औरंगजेब के समर्थन में थी और गुहारा मुराद का समर्थन कर रही थी ।
(4) औरंगजेब ऐसा इकलौता मुग़ल सम्राट था जिसका दो बार राज्य अभिषेक किया गया ।
(5) विदेशी यात्री बर्नियर ने देवराई के युद्ध में दारा की हार के बाद उसका सार्वजनिक अपमान देखा था ।
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