अंग्रेजी (1600)
अंग्रेज का आगमन एवं सफलता :-
वे यूरोपीय शक्ति जिन्होंने भारत और हिंद महासागरीय क्षेत्र में आकर नवीन व्यापारिक गतिविधियों का आरंभ किया उनमें सर्वाधिक सफल अंग्रेज रहा। सर्वप्रथम 1599 ई० में एक अंग्रेज के व्यापारी जॉन मिल्डनहॉल सर्वप्रथम भारत आया था।
ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1600 में की गई लेकिन भारत और हिंद महासागर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम तब उठाया जब महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने 31 दिसंबर 1600 में एक चार्टर एक्ट अर्थात आदेश पत्र जारी किया इस चार्टर द्वारा प्रारंभ में 15 वर्षों तक पूर्वी (भारत और हिंद महासागर) क्षेत्र के साथ व्यापार करने का विशेषाधिकार मिल गया लेकिन मई 1609 में नवीन चार्टर द्वारा इसे अनिश्चितकाल के लिए घोषित कर दिया गया।
वित्तीय दृष्टि से डच कंपनी की तुलना में ईस्ट इंडिया कंपनी छोटी कंपनी थी आरंभ में ईस्ट इंडिया कंपनी का ध्यान मसालों व्यापार पर था विशेष रूप से इंडोनेशिया से प्राप्त काली मिर्च पर अपना ध्यान केंद्रित रखा। लेकिन शीघ्र ही अंग्रेजों ने भारत के वस्तुओं विशेषकर कपड़े का महत्व समझा जिस कारण से वह सूरत में कारखाना खोलने की योजना बनाई। और कैप्टन विलियम हॉकिंस को मुगल बादशाह के दरबार में भेजा गया जो 1609 ईस्वी में मुगल दरबार पहुंचा लेकिन पुर्तगाली षड्ड यंत्रों के कारण उसे खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। 1612 में पुर्तगाली की विरुद्ध अंग्रेजों ने अपना प्रतिशोध लिया। अंग्रेज के जहाज ड्रैगन ने कैप्टन बेस्ट के नेतृत्व में पुर्तगाली जहाजों के बड़ा बेड़ा को पराजित कर दिया या लड़ाई सूरत के निकट स्वाली में हुआ था ।अंग्रेजों के विजय से जहांगीर प्रभावित हुआ और 1613 ईसवी में सूरत में स्थाई करखाना खोलने की अनुमति दे दी गई। इससे पूर्व अंग्रेज ने प्रथम बस्ती मूसलीपट्टनम में 1611 ईसवी में स्थापित किया था।
अंग्रेजों का व्यापारिक विस्तार :-
1. अंग्रेजों ने पुर्तगालियों के प्रभाव को समाप्त कर इन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों पर अपना कारखाना स्थापित किया अंग्रेज ने अपना कारखाना सर्वप्रथम 1611 में मूसलीपत्तनम में और 1613 में सूरत में अपना कारखाना स्थापित किया।
2. 1625 में अंग्रेज ने सूरत में किलेबंदी की डचों एवं मुगल सत्ता के टकराव से बचने के लिए अंग्रेज ने दक्षिण भारत के छोटे-छोटे राज्य पर ध्यान केंद्रित किया। 1622 में अंग्रेज ने ओरमुजपुर पर कब्जा कर लिया जिससे पुर्तगालियों के आक्रमण से सुरक्षित हो गए।
3. अंग्रेजों ने 1639 में स्थानीय राजा से मद्रास लीज पर ले लिया। लेकिन 1640 ईस्वी में अंग्रेज ने विजयनगर शासकों के प्रतिनिधि चंद्रगिरी के राजा से मद्रास छीन लिया और यहां पर सेंट जॉर्ज किले का निर्माण किया गया ।
4. सन 1661 ईस्वी में ब्रिटेन सम्राट चार्ल्स द्वितीय ने पुर्तगाल के राजकुमारी कैथरीन से विवाह किया जिससे अंग्रेजों को बम्बई टापू दहेजस्वरूप मिल गया।और चार्ल्स द्वितीय ने इस बम्बई टापू को 10 पौंड वार्षिक मामूली किराए पर ईस्ट इंडिया कंपनी को दे दिया 1687 में ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्यालय को सूरत से मुंबई लाया गया।
पुर्तगाली एवं डचों के साथ अंग्रेजों का संघर्ष :-
स्वयं को स्थापित करने के लिए अंग्रेज को एक ओर मुगल सम्राट से निपटना पड़ता था, तो दूसरी ओर डच और पुर्तगाली जैसे यूरोपीय शक्ति से लड़ना पड़ता था। 1612 में अंग्रेजी जहाज ड्रैगन ने कैप्टन बेस्ट के नेतृत्व में पुर्तगाली जहाज को पराजित कर दिया। यह घटना सूरत में स्वाली के निकट हुआ था। 1630 में मैड्रिड संधि के बाद अंग्रेज और पुर्तगाली में शत्रुता समाप्त हो गया और फिर 1634 में अंग्रेज एवं पुर्तगाली में दूसरा संधि हुआ जिससे वाणिज्यिक मामलों में एक दूसरे की सहायता करने का निर्णय लिया गया।
1759 में अंग्रेजों ने डचों को वेदरा युद्ध में बुरी तरह से पराजित कर दिया। इस प्रकार अंग्रेजों को पुर्तगाली एवं डचों पर विजय प्राप्त हुआ।
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