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रॉलेट एक्ट , रॉलेट सत्याग्रह तथा जालियांवाला बाग हत्याकांड-1919

 रॉलेट एक्ट , रॉलेट सत्याग्रह तथा जालियांवाला बाग हत्याकांड-1919

          रॉलेट एक्ट - 1919

 पृष्ठभूमि

 प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद भारतीय जनता संवैधानिक सुधारों का इंतजार कर रही थी तब ब्रिटिश सरकार ने दमनकारी रोलेट एक्ट को जनता के सामने पेश कर दिया, जिसे काला कानून भी कहा जाता है। इस एक्ट को 26 जनवरी 1919 को ब्रिटेन के हाई कोर्ट के जज 'सर सिडनी रॉलेट' की अध्यक्षता में पारित की गई।

        रॉलेट एक्ट की विशेषताएं :-

 . क्रांतिकारी पर शीघ्र कार्यवाही करने की बात कही गई। ब्रिटिश सरकार को संदेह होने पर बिना मुकदमा चलाए (बिना किसी वारेंट) वह किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता था एवं उस पर दंडनात्मक कार्यवाही भी कर सकता था।

 . ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध में किसी भी सामग्री का संग्रहण , प्रकाशन एवं वितरण करना गैरकानूनी घोषित कर दिया गया।

 . संदेह के आधार पर किसी भी भारतीय व्यक्ति को सभा गठन करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

रॉलेट एक्ट , रॉलेट सत्याग्रह
रॉलेट एक्ट , रॉलेट सत्याग्रह तथा जालियांवाला बाग हत्याकांड-1919

                   रॉलेट एक्ट के इस अपमानजनक निर्णय को देखते हुए गांधी जी ने रौलट एक्ट के विरुद्ध देशव्यापी आंदोलन चलाने का आवाहन किया - 

       रॉलेट सत्याग्रह :-

 यह गांधी जी के नेतृत्व में शुरू हुआ प्रथम अखिल भारतीय आंदोलन था जिसकी शुरुआत 6 अप्रैल 1919 को की गई थी। इसका विस्तार विभिन्न क्षेत्रों में जैसे दिल्ली, मुंबई, पंजाब आदि में हुआ जब यह आंदोलन हिंसक होने लगा तो 18 अप्रैल 1919 को गांधी जी ने इस आंदोलन को वापस ले लिया।


   जालियांवाला बाग हत्याकांड - 13 अप्रैल 1919

        हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक दो प्रमुख नेता सैफुद्दीन किचलू और डॉक्टर सत्यपाल रोलेट एक्ट के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे जिसके कारण अंग्रेजों ने इन दोनों को गिरफ्तार कर शहर से बाहर भेज दिया ।

 . 13 अप्रैल 1919 को सैफुद्दीन किचलू और डॉक्टर सत्यपाल के रिहाई का अनुरोध करने के लिए अमृतसर के जलियांवाला बाग में लगभग 10000 (दस हजार) पुरषों, महिलाओं और बच्चों की भीड़ जमा हुई ।

 . तब ब्रिगेडियर जनरल डायर ने अचानक सैनिकों के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर सभा के चारों ओर से घेर लिया एवं सिपाहियों की गोली चलाने की आदेश दिया ।

जालियांवाला बाग हत्याकांड-1919

रॉलेट एक्ट , रॉलेट सत्याग्रह तथा जालियांवाला बाग हत्याकांड-1919

 . सिपाहियों ने जब तक गोली चलाना नहीं छोड़ा जब तक बंदूक की संपूर्ण गोली खत्म ना हो जाए।

 .  इस घटना में लगभग 1000 पुरुष, महिला, बुजुर्ग एवं बच्चे मारे गए थे। 

   जालियांवाला बाग हादसे के बाद की स्थिति :-

 भविष्य में किसी भी विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए ब्रिटिशों द्वारा पंजाब में मार्शल लॉ लागू कर दिया गया, जिसमें सार्वजनिक झंडे एवं अन्य अपमान शामिल थे।

 .  बंगाली के कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्र नाथ टैगोर ने अपनी नाइटहुड की उपाधि त्याग दी।

 . महात्मा गांधी ने कैसर-ए-हिंद की उपाधि वापस कर दी जो अंग्रेजों द्वारा दिया गया था ।

 . गांधी जी ने जल्द ही अपने बड़े अहिंसक सत्याग्रह अभियान असहयोग आंदोलन की शुरुआत की जो ब्रिटिश सत्ता को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ ।


गांधी जी द्वारा किए गए प्रमुख आंदोलन :-

 

  चंपारण सत्याग्रह 1917 , अहमदाबाद मिल हड़ताल 1918 और खेरा सत्याग्रह 1918


रॉलेट एक्ट , रॉलेट सत्याग्रह तथा जालियांवाला बाग हत्याकांड-1919


 खिलाफत एवं असहयोग आंदोलन : प्रथम जन आंदोलन


रॉलेट एक्ट , रॉलेट सत्याग्रह तथा जालियांवाला बाग हत्याकांड-1919

रॉलेट एक्ट , रॉलेट सत्याग्रह तथा जालियांवाला बाग हत्याकांड-1919

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