Facebook SDK

 पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) : पारिस्थितिकी तंत्र के घटक

पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) 

  पारिस्थितिकी तंत्र जीव विज्ञान की एक शाखा है जिसमें जीवो के समुदाय एवं उसके वातावरण या पर्यावरण के साथ पारस्परिक संबंध को दर्शाता हैं।

                     प्रत्येक जीव जंतु एक निश्चित वातावरण में रहते हैं परिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) इस तथ्य को पता लगाता है, कि जीव आपस में पर्यावरण के साथ किस तरह के क्रिया करती है ।

  पारिस्थितिकी तंत्र के घटक (components of an ecosystem) :- 

पारिस्थितिकी तंत्र के दो घटक है - जैविक तथा अजैविक।

 अजैविक घटक में तापमान, मृदा, वर्षा, आद्रता वायु, प्रकाश इत्यादि आते है। जबकि जैविक घटक में उत्पादक, उपभोक्ता एवं अपघटक आते है ।

अजैविक घटक -

  तापमान :-

 तापमान के आधार पर जीवों के 2 वर्ग है समतापी और विषमतापी

 (a) समतापी :- 

समतापी में वैसे जीव आते हैं जिसमें वातावरण में तापमान के बदलने के बाद भी जीव का तापमान नही बदलता है। जैसे- मनुष्य, पक्षी, स्तनधारी जीव समतापी जीव के उदाहरण हैं। 

समतापी जीवो को ठंड के समय ठंडी तथा गर्म के समय गर्मी का महसूस होता है।

 (b) विषमतापी -

 विषमतापी में वैसे जीव आते हैं जिसमें वातावरण के तापमान बदलने पर उस जीव का तापमान भी बदलकर वातावरण के तापमान के अनुकूल हो जाता है। अर्थात इन्हें ठंडी एवं गर्मी का महसूस नहीं होता । उदाहरण के लिए सांप, मेंढक, मच्छर इत्यादि विषमतापी की जीव है।

विषमतापी की जीव वातावरण में हमेशा सक्रिय नहीं होते।

    तापमान में अंतर :- 

 तापमान में अंतर से कुछ जीवो के लैंगिक अनुपात और लैंगिक आयु में भिन्नता होती है। 

     लैंगिक अनुपात - 

तापमान कुछ जीवो के लैंगिक अनुपात को बदलने में सक्षम है। जैसे कि मगरमच्छ की कई प्रजाति जिसका अंडा उच्च तापमान में मादा तथा निम्न तापमान में नर की उत्पत्ति करती है, ऐसे ही कुछ सांप की प्रजाति में भी लैंगिक जन्म तापमान पर निर्भर होता है ।

लैंगिक आयु -

 तापमान ज्यादा होना अर्थात उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में लैंगिक आयु में वृद्धि चित्र क्षेत्रों से ज्यादा जल्दी होता है। 

पारिस्थितिकी तंत्र पर मानवीय प्रभाव के बारे में जानने के लिए click करे 

        जैविक घटक

1) उत्पादक :-

 उत्पादक वह होते हैं जो अपना भोजन स्वयं निर्मित करते हैं। ऐसे जीव स्वपोषीत होते हैं। क्योंकि यह अपना भोजन खुद प्रकाश संश्लेषण क्रिया तथा रसायनिक संश्लेषण क्रिया द्वरा निर्माण करते हैं। उदाहरण के लिए पेड़-पौधे, शैवाल इत्यादि।

2) उपभोक्ता :- 

ऐसे जीव जो सीधे या परोक्ष रूप से उत्पादक पर निर्भर होते हैं उपभोक्ता कहलाते हैं। 

    उपभोक्ता कई प्रकार के होते हैं - 

शाकाहारी  - पेड़-पौधे पर निर्भर।

मांसाहारी - पेड़-पौधे खाने वाले जीव पर निर्भर।

 तथा सर्वाहारी - दोनों।

3) अपघटक :- 

अपघटक परपोशी जीव होते हैं इसके अंतर्गत बैक्टीरिया, कवके जीवाणु को शामिल किया गया है।

पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) : पारिस्थितिकी तंत्र के घटक

विभिन्न पर्यावरणीय दशाओं वाले पारिस्थितिकी तंत्र में एक पोषण स्तर से दूसरे पोषण स्तर ऊर्जा का स्थानांतरण या ऊर्जा का प्रवाह भिन्न-भिन्न मात्रा में होता है । 

सर्वाहारी -   1 कैलरी
मांसाहारी -  10 कैलरी
शाकाहारी -  100 कैलरी
 पौधे        -  1000 कैलरी


पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) : पारिस्थितिकी तंत्र के घटक
पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) : पारिस्थितिकी तंत्र के घट

    आहार श्रृंखला (food chain) :-


 घास   ➡️   टिड्डा ➡️  मेंढक ➡️ सांप ➡️  मोर

उत्पादक   प्राथमिक     द्वितीय    तृतीय     सर्वोच्च

              उपभोक्ता   उपभोक्ता             उपभोक्ता

 Note :- आहार श्रृंखला के अनुसार सर्वोच्च उपभोक्ता का उपभोग नहीं कर सकता।


पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) : पारिस्थितिकी तंत्र के घटक


और पढ़ें :- 

पारिस्थितिकी तंत्र पर मानवीय प्रभाव

follow me :-

https://www.facebook.com/Mission-Upsc-102484551894208/

https://t.me/upscmagazinee

Join telegram for more UPSC magazines and daily current affairs (ONLY HINDI MEDIUM)

Join telegram channel for yojana kurukshetra magazines (योजना कुरूक्षेत्र)

https://t.me/Yojanakurukshetramag

other link :- 

Post a Comment

Previous Post Next Post